वानी

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ये इंसान अजब हो गया है

ये इंसान अजब हो गया है,


ये इंसान भी अजब हो गया है,
पैसों की धुन में ना जाने कहा खो गया है।

ना दिन में चैन,
ना रातों में सुकून है।

फिर किस दौड़ में ये लग गया है,
जो कभी रिश्तों की कदर करता था।

जाने क्यू अब रिश्तों से दूर हो गया,
शहर में आकर इंसान अजीब हो गया।

वो मासूमियत, 
वो सादापन शहर में आकर सब भूल गया है।

माना कि वो गांवों की गलियां तंग थी,
मगर हर डगर में वो हमारे संग थी।

जहा बीता बचपन,
है यादें पुरानी,
संग रहती थी दादी - नानी।

सुनाया करती थी परियों की कहानी

वो बाते बीती,
वो राते बीती,
बीता वो बचपन,
बीती वो कहानी।

ये इंसान अजब हो गया है,
पैसों की धुन में ना जाने कहा खो गया है।


#प्रतियोगिता हेतू 
     वानी

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7 Comments

वाह, बहुत खूब

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Punam verma

03-Jun-2023 10:17 AM

Very nice

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Abhinav ji

03-Jun-2023 08:25 AM

Very nice 👍

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